कहो, वो अल्लाह है यकता (एक ही है)।
अल्लाह सबसे बेनियाज (वह किसी का मोहताज नही,
जो बालातर है, जो लाजवाब हो, जो कामिल हो
ऐसे गुणों में सबसे ऊँचा)है
सब उसके मोहताज हैं ।
न उसकी कोई औलाद है
न वह किसी की औलाद।
और कोई उसका हमसर (मानिंद,
रुतबे में बराबर) नहीं है ।
इखलास 112: 1-4
अल्लाह वह जिंदा ए जावेद (हमेशा रहने वाला) हस्ती,
जो तमाम कायनात को संभाले हुए है ।
उसके सिवाय कोई पूजने (इबादत) के लायक नहीं है,
वह न सोता है,
और न उसे ऊंघ आती है ।
जमीन और आसमानों में जो कुछ हैं
उसी का है ।
कौन है जो उसकी जनाब में उसकी इजाजत के बगेर सिफारिश कर सके ।
जो कुछ बंदों के सामने है, उसे भी वह जानता है
और जो कुछ ओझल है उससे भी वह वाकिफ (जानकार) है।
और उसकी मालूमात में से कोई चीज उनके काबू में
नहीं आ सकती अलावा कि किसी चीज का
इल्म (ज्ञान) वह खुद ही उनको देना चाहे,
उसकी हुकूमत आसमानों और जमीन पर छाई हुई है
और उसकी निगहबानी उसके लिए कोइ थका देने वाला काम नहीं है ।
बस वही एक बुजुर्ग व बरतर हस्ती है ।
बकर 2: 255
दाने और गुठली को फाडऩे वाला अल्लाह है
वही जिंदा को मुर्दा से निकालता है।
और वही मुर्दा को जिंदा से खारिज करने वाला है ।
ये सारे काम करने वाला अल्लाह है ।
फिर तुम किधर बहके चले जा रहे हो?
रात का परदा चाक करके वही सुबह निकालता है ।
उसी ने रात को सुकून का वक्त बनाया है ।
उसी ने चांद और सूरज के तुलूअ (उगने) और
गुरूब (छिपने) का हिसाब मुकर्रर (तय) किया है ।
ये सब उसी जबरदस्त कुदरत (ताकत) और इल्म रखने वाले के ठहराए हुए अंदाजे हैं।
और वही है जिसने तुम्हारे लिऐ तारों को सहरा, जंगल और समन्दर के अंधेरों में रास्ता मालूम करने का जरिया बनाया है।
देखो हमने निशानियां खोल कर बयान कर दी हैं
उन लोगों के लिए जो इल्म रखते हैं।
और वही है जिसने एक जान से तुमको पैदा किया
फिर हर एक के लिए ठहरने की जगह है।
और एक उसको सौंपे (मिट्टी में) जाने की,
ये निशानियां हमने वाजेह (खोलकर बता दी) कर दी हैं।
उन लोगों के लिए जो समझबूझ रखते हैं।
और वही तो है जिसने आसमान से पानी बरसाया।
फिर उसके जरिए से हर किस्म की हरियाली उगायी ।
फिर उससे हरे भरे खेत और पेड़ पैदा किए।
फिर उन पर तह पर तह चढ़े दाने निकाले।
और खजूर के शगूफों से फलों के गुच्छे के गुच्छे पैदा किए ।
जो बोझ के मारे झुक पड़ते हैं।
और अंगूर, जैतून और अनार के बाग लगाए।
जिनके फल एक दूसरे से मिलते जुलते हैं
और फिर हर एक की खासियत (गुण) अलग -अलग भी है।
ये दरख्त जब फलते हैं तो उनमें फल आने
और फिर उनके पकने की कैफियत पर जरा गौर करो,
उन चीजों में निशानियाँ हैं उन लोगों के लिए जो ईमान लाते हैं।
इस पर भी लोगों ने जिनों को अल्लाह का शरीक ठहरा दिया,
हालांकि वह उनका खालिक (पैदा करने वाला) है।
और जानबूझकर उसके लिए बेटे और बेटियां बना दी,
हालांकि वह पाक है, बालातर (ऊपर) है उन बातों से जो ये लोग कहते हैं।
वह तो आसमान और जमीन को बनाने वाला है।
उसका कोइ बेटा कैसे हो सकता है जबकि उसका जीवनसाथी ही नहीं है।
उसने हर चीज को पैदा किया है ।
और वह हर चीज का इल्म रखता है।
यह है अल्लाह तुम्हारा रब।
कोइ उसके सिवाय पूजने लायक नहीं है ।
वह हर चीज को पैदा करने वाला है।
इसलिए तुम उसकी बंदगी (वंदना, पूजा) करो।
वह हर चीज का निगरां (कारसाज) है।
निगाहें उसको नहीं पा सकती
और वह निगाहों को पा लेता है।
और वही बड़ा बारीक बीं (सूक्ष्मदर्शी) बा खबर है।
अनआम 6: 95-103
कहो- या अल्लाह ! मुल्क के मालिक !
तू जिसे चाहे हुकूमत दे
और जिससे चाहे छीन ले ।
जिसे चाहे इज्जत बख्शे
और जिसे चाहे ज़लील कर दे।
भलाई तेरे ही हाथ में है।
और बेशक तू हर चीज पर कादिर है।
रात को दिन में पिरोता हुआ ले आता है
और दिन को रात में ।
बेजान में से जानदार को निकालता है
और जानदार में से बेजान को
और जिसे चाहता है बेहिसाब
रिज्क दे देता है।
आले इमरान 3: 26-27
अल्लाह नूर (प्रकाश, रोशनी) है आसमानों और जमीन का,
उसके नूर की मिसाल ऐसी है जैसे एक ताक
जिसमें चिराग (दीप)हो,
और चिराग शीशे (कांच) के गोले में रखा हो
और शीशा चमकते हुए तारे की तरह हो,
वह चिराग एक बाबरकत (मुबारक) दरख्त जैतून के तेल से जलाया जाता हो,
जो दरख्त न पूर्वी न पश्चिमी (किसी ऊंची और खुली रोशन जगह लगा) हो,
करीब है कि वह तेल अपने आप ही रोशनी देने लगे अगर चे आग उसे न छुए।
(इस तरह) नूर पर नूर है। (रोशनी पर रोशनी)
अल्लाह अपने नूर (रोशनी) की तरफ रास्ता दिखाता है जिसे चाहे,
लोगों को (समझाने के लिए) ये मिसालें अल्लाह बयान फरमा रहा है।
और अल्लाह हर चीज के हाल को अच्छी तरह जानता है।
(उसके नूर की तरफ हिदायत पाने वाले) उन घरों मे पाए जाते हैं,
जिन्हें बुलन्द करने का और जिनमें अपने नाम को
जपने का अल्लाह ने हुक्म दिया है
वहां सुबह शाम अल्लाह की तसबीह (जप, नमाज आदि) बयान करते हैं।
ऐसे लोग जिन्हें तिजारत और खरीदना-बेचना
अल्लाह की याद से और नमाज कायम करने
और जकात अदा करने से गाफिल (लापरवाह) नहीं करते।
उस दिन (कयामत) से डरते हैं।
जिस दिन बहुत से दिल और बहुत सी आँखें पथरा जाएंगी।
वह सब कुछ इसलिए करते हैं ताकि अल्लाह उनके बेहतरीन आमाल (बेहतर कर्म) का बदला उनको दे,
बल्कि अपने फजल (मेहरबानी) से और ज्यादा दे,
अल्लाह जिसे चाहे बेहिसाब रिज्क (धन) देता है।
और काफिरों (इनकार करने वालों) के आमाल (कर्म) की
मिसाल ऐसी है जैसे चटियल मैदान में रेत,
जिसे प्यासा आदमी दूर से पानी समझता है
लेकिन जब उसके पास पहुंचता है तो उसे कुछ भी नहीं पाता है, बल्कि वहां उसने अल्लाह को पाया, जो उसका हिसाब पूरा पूरा चुका देता है,
अल्लाह बहुत जल्द हिसाब कर देने वाला है।
या फिर उसकी मिसाल ऐसी है जैसे एक गहरे समन्दर में अंधेरे के ऊपर एक मोज (लहर) छाई हुई है,उस पर एक और मौज
और उसके ऊपर बादल, अंधेरे पर अंधेरा चढा़ है।
आदमी अपना हाथ निकाले तो उसको देखने न पाए।
जिसे अल्लाह रोशनी (हिदायत) न बख्शे
उसके लिए फिर कोई नूर (हिदायत) नहीं।
क्या तुम देखते नहीं हो कि अल्लाह की तसबीह कर रहे हैं,
वे सब जो आसमानों और जमीन में हैं,
और वो परिन्दे जो पंख फैलाए उड़ रहे हैं।
हर एक अपनी नमाज और तसबीह का तरीका जानता है,
और ये सब कुछ जो करते हैं अल्लाह उससे बाखबर रहता है।
आसमानों और जमीन की बादशाही अल्लाह ही के लिए है
और उसकी तरफ सबको पलटना (लौटना) है।
क्या तुम देखते नहीं हो कि अल्लाह बादल को धीरे-धीरे चलाता है,
फिर उसके टुकडों को एक दूसरे के साथ जोड़ता है,
फिर उसे समेटकर बादलों की तह बा तह बना देता है
फिर तुम देखते हो कि उसके खोल में से बारिश की बूंदें टपकती चली आती हैं
और वह आसमान से उन पहाडों जैसे बुलन्द बादलों से ओले बरसाता है,
फिर जिसे चाहता है उसे नुकसान पहुंचता है
और जिसे चाहता है बचा लेता है।
उसकी बिजली की चमक ऐसी होती है कि आँखों की रोशनी चली।
अल्लाह ही रात और दिन का उलट फेर कर रहा है
उसमें एक सबक (पाठ) है आँखों वालों के लिए।
और अल्लाह ने हर जानदार को एक तरह के पानी से पैदा किया।
कोइ पेट के बल चल रहा है तो कोई दो टांगो पर, और कोई चार टांगो पर ।
जो कुछ चाहता है वह पैदा करता है ।
वह हर चीज पर कादिर (समर्थ) है।
नूर 24: 35-45
वह अल्लाह ही है जिसके सिवाय कोई माबूद (पूजा के लायक) नहीं ।
गायब और जाहिर हर चीज का जानने वाला
वही रहमान और रहीम है।
वह अल्लाह ही है जिसके सिवाय कोई माबूद नहीं।
वह बादशाह है, मुकद्दस (पाक जात)
सरासर सलामती, अमन देने वाला, निगहबान, सब पर गालिब
अपना हुक्म ताकत के साथ लागू करने वाला और सदा बड़ा ही होकर रहने वाला,
पाक है अल्लाह उस शिर्क से जो लोग कर रहे हैं।
वह अल्लाह ही है जो तखलीक (पैदा करना)
की योजना बनाने वाला और उसको लागू करने वाला है।
उसके लिए सबसे अच्छे नाम हैं।
हर चीज जो आसमानों और जमीन में है उसी की तसबीह कर रही है ।
और वह जबरदस्त और हकीम (तत्वदर्शी) है ।
हश्र 59: 22-24
कभी ऐसा नहीं होता कि तीन आदमी कानाफूसी कर रहे हों
और उनके बीच में चौथा अल्लाह न हो, या पांच आदमियों में कानाफूसी हो और उनके अंदर छठा अल्लाह न हो। खुफिया बात करने वाले भले इससे कम हैं या ज्यादा जहां कहीं भी हो अल्लाह उनके साथ होता है। फिर कयामत के दिन वह उनको बता देगा कि उन्होंने
क्या कुछ किया है। अल्लाह हर चीज का इल्म रखता है।
मुजादला 58: 7
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