15.9.11

मां बाप के साथ सुलूक


और यह हकीकत है कि हमने इन्सान को अपने मां बाप के हक पहचानने की खुद ताकीद की है। उसकी मां ने निढ़ाल (दु:ख) पर निढ़ाल होकर उसे पेट में रखा। दो साल उसके दूध छूटने में लगे (इसीलिए हमने उसको नसीहत की) कि मेरा शुक्र अदा कर और अपने मां बाप का शुक्र बजा ला। आखिर तुम्हें मेरी ही तरफ  पलटना है।
                          लुकमान 31: 14

तेरे रब ने फैसला कर दिया है कि तुम लोग किसी की इबादत न करो मगर सिर्फ उसकी (अल्लाह की)। मां बाप के साथ नेक सुलूक करो। अगर तुम्हारे पास उनमें से कोई एक या दोनों बूढ़े होकर रहें तो उन्हें उफ्  तक न कहो। न उन्हें झिड़क कर जवाब दो, बल्कि उनसे एहतराम (आदर) के साथ बात करो और नरमी व रहम (दया) के साथ उनके सामने झुक कर रहो और यह दुआ किया करो 'परवरदिगार इन पर रहम फरमा जिस तरह इन्होंने रहमत व शफक्कत (लाड़ प्यार) के साथ मुझे बचपन में पाला था'।
                                                बनी इस्राईल 17: 23-24

हमने (अल्लाह ने) इन्सान को हिदायत (ताकीद) की वह अपने मां बाप के साथ नेक सुलूक (व्यवहार) करे। उसकी मां ने उसे (पेट में) तकलीफ  के साथ उठाए रखा, और उसे जना भी तकलीफ  के साथ। और उसके गर्भ की अवस्था में रहने और दूध छुड़ाने में तीस महीने लग गए। यहां तक वह पूरी ताकत को पहुंचा तो चालीस साल का हो गया तो उसने कहा:
'ऐ मेरे रब मुझे तौफीक (प्रेरणा) दे कि मैं तेरी उन नेमतों का शुक्र अदा करूं जो तूने मुझे और मेरे मां बाप को अता फरमाई (दी), और ऐसा नेक अमल करूं जिससे तू राजी हो और मेरी औलाद को भी नेक बनाकर मुझे सुख दे। मैं तेरे हुजूर तौबा करता हूं और ताबे फरमान (मुस्लिम, आज्ञाकारी) बन्दो में से हूं' इस तरह के लोगों से हम उनके बेहतरीन आमाल (कर्म) को कुबूल करते हैं और उन्हें बुराइयों से दर गुजर कर जाते हैं।
                                                    अहकाफ  46: 15-16

लोग आपसे पूछते हैं  'हम क्या खर्च करें ?' उनसे कह दीजिए तुम जो माल भी खर्च करो, पस इसके लिए पहले हकदार मां बाप हैं।
                                                    बकर  2: 215

2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही खूबसूरत प्रस्तुति ||
    आभार ||




    मां, मातृभाषा और मातृभूमि posted by मनोज कुमार विचार से प्रभावित रचना ||

    बारी अभी आई नहीं, खेत पानी में पटे ||
    लेट-गाडी तीन घंटे, किन्तु क्यू में हम डटे ||
    ( लग गए लाइन में --जाने वालों की )





    असफल हुआ दो मर्तवा, इंजीनियरिंग इंट्रेंस में,
    बाप का अरमान बेटा, पाठ 'कोटा' में रटे ||
    ( कोटा बेस्ट कोचिंग सेंटर )

    http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/f/fc/Tarom.b737-700.yr-bgg.arp.jpg

    बन गया इन्जीनियर, पुत्र फ़ारेन जा बसा,
    पैरेंट्स की असमर्थता, वक्त काटे न कटे |
    (इकलौता बेटा )



    आज के नव दौर में, चल पड़ी फिर सोच ऐसी
    बस जरूरत भर पढ़ा, तन्हा कलेजा क्यूँ फटे |
    (अधिक पढाया तो दूर हो जायेगा )



    चाचा-बुआ-दादा पडोसी, और भी रिश्ते भुला ,
    ज्ञान अर्जित कर लिया तो लिस्ट क्यूँ कैसे घटे ?
    ( लिस्ट में कुछ रिश्ते और जुड़ गए )
    Sweating Over an Exam
    रिजल्ट हो बढ़िया हमेशा, चाहते थे आप जो -
    हर समय बोला किये कि सब रिलेटिव हैं लटे ||
    ( सभी रिश्तों को बुरा बताया गया )

    बचपना पूरा गया, रिश्ते भुलाने में गुजर --
    भूलने का पा मजा, तो व्यर्थ में अब क्यूँ सटे ||
    (जिम्मेदारियां क्यूँ उठायें )


    Preview

    बाप - बूढ़े मातु - अक्षम, चल - बसे वृद्धाश्रमा,
    गोकि घर आश्रम बने, रविकर लगे क्यूँ अट-पटे ??
    (जैसी करनी वैसी भरनी )

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