पादरी जो मुसलमान हो गया
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टोनी ब्लेयर की साली मुसलमान बनी
Posted on 22:00 by इस्लामिक वेबदुनिया पूरा पढ़ें
तीन हजार अमेरिकी सैनिकों ने अपनाया इस्लाम
Posted on 13:37 by इस्लामिक वेबदुनिया
क्या आपने भी सुना था कि खाड़ी युद्ध के दौरान तीन हजार अमेरिकी सैनिकों ने इस्लाम अपना लिया था। यह सच है। बहुत कम लोग जानते हैं कि इस बदलाव के पीछे कौन हैं? जिन लोगों ने इस्लाम की यह दावत इन अमेरिकी सैनिकों तक पहुंचाई उनमें से एक अहम शख्सियत हैं डॉ. अबू अमीना बिलाल फीलिप्स। अबू अमीना फीलिप्स जमैका में जन्मे और पढ़ाई कनाड़ा में की । फिलहाल वे दुबई अमेरिकन यूनिवर्सिटी में पढ़ा रहे हैं। अबू अमीना पहले ईसाई थे लेकिन 1972 में इस्लाम अपनाकर वे मुस्लिम बन गए।पूरा पढ़ें
मेरे माता-पिता के लिए मुसलमान शब्द अपरिचित न था। मैं नहीं जानती कि इस्लाम और इस्लाम के अनुयायियों के बारे में अमेरिकियों का रवैया बिना रंग-नस्ल क्यों शत्रुतापूर्ण और विरोधपूर्ण हैं। मेरी ज़बान से यह सुनने के बाद कि मैं मुसलमान हो चुकी हूं, मेरे मां-बाप को अत्यन्त आश्चर्य हुआ। ख़ासतौर पर मेरी मां को बहुत दुख हुआ। उनकी यह प्रतिक्रिया तब बहुत परेशान करने वाली थी। मैं उन्हें एक उत्पीडि़त औरत समझती थी। मेरा ख्य़ाल था कि मेरे मुसलमान होने पर वह ज्य़ादा शोर न मचाएगी, किन्तु हुआ इसके विपरीत। मेरे पिता के चेहरे पर घृणा, तिरस्कार, उपहास, लापरवाही की झलक दिखाई दे रही थी और मेरी मां लगातार बोलती जा रही थी। आज जब वह दृश्य याद आता है, तो मैं बेइख़्ितयार मुस्करा देती हूं, परन्तु उस समय मेरी प्रतिक्रिया भिन्न थी। मैं यह महसूस करने लगी थी कि मैनें इस्लाम स्वीकार करने का ऐलान कुछ जल्दी कर दिया। इसका कारण यह न था कि मेरे ईमान में कोई कमी थी, बल्कि यह कि मैने यह फैसला किया था कि जब तक मैं मुसलमानों के तौर-तरीकों को परोक्ष या प्रत्यक्ष रूप से अपना नहीं लेती, तब तक इस्लाम स्वीकार करने का ऐलान नहीं करूंगी। मैं उस क्षण बहुत भावुक हो गई थी। अपने मुसलमान होने का जि़क्र बड़े जोश और जज्बे से कर दिया। मेरे पिता बड़बड़ाते हुए बाहर चल गये। मेरी मां मुझे समझाने लगीं। मंैने कहा--मम्मी जो होना था हो चुका। मैं जो $कदम आगे बढ़ा चुकी हूं वह पीछे नहीं हटा सकती। मेरी मां ने और अधिक सख्ती से समझाना-ब़ुझाना शुरू किया। मंैने उनसे कहा कि वह अपना समय अकारण बर्बाद कर रही हैं। मैं मुसलमान हो चुकी हूं और अब कुछ नहीं हो सकता। मेरी मां ने सोचा शायद मैं जि़द कर रही या भावुक हो गयी हूं। उन्होंने अपना लम्बा भाषण अधूरा छोड़ा और मुझे अकेली छोड़कर चली गयी। मैं मुसलमान क्यों हुई? यह बात मुझसे कई लोगों ने पूछी है और मैं कई बार जवाब दे चुकी हूं। इसके बावजूद मैं समझती हूं कि मुझे इस सवाल का जवाब बड़े सुकून और इत्मीनान से देना चाहिए।--- मेरे घरेलू हालात अमेरिका में हबशियों की समग्र परिस्थिति से अधिक मेरी विवशता और अपंगता ने मुझे इस्लाम की ओर प्रेरित किया। इसका विवरण भी सुन लें।