कुरआन की चंद बातें जो आम इंसानों के लिए बेशकीमती हैं-
दोनों चीजों (शराब और जुए) में बड़ा गुनाह है और लोगों के लिए कुछ लाभ भी है,लेकिन इनका नुकसान इनके फायदे से बढ़कर है।
(कुरआन-2:219)
फिजूलखर्ची ना करो। (कुरआन-17:26)
बराबर हो ही नहीं सकती भलाई और बुराई। तुम (इंसान की बुराई को) उस तरीके से दूर करो जो उत्तम हो,फिर तुम क्या देखोगे कि तुम्हारे और जिसके बीच दुश्मनी थी (वह ऐसा हो जाएगा) मानो वह कोई आत्मीय दोस्त हो। (कुरआन-41:34)
निश्चय ही कठिनाई के साथ आसानी भी है,निसंदेह कठिनाई के साथ आसानी भी है।
(कुरआन-14:5-6)
उन (नेक लोगों) का मामला उनके पारस्परिक परामर्श से चलता है। (कुरआन-42:38)
तुम ऐसी बात क्यों कहते हो,जो करते नहीं? (कुरआन-61:2)
हम (ईश्वर) अवश्य ही कुछ भय से और कुछ भूख से और कुछ जान माल और पैदावार की कमी से तुम्हारा इम्तिहान लेंगे। और धैर्य से काम लेने वालों को शुभ सूचना दे दो।
(कुरआन-2:155)
जो कोई सीधा मार्ग अपनाए तो उसने अपने ही लिए सीधा मार्ग अपनाया और जो पथभ्रष्ट हुआ,तो वह अपने ही बुरे के लिए भटका और कोई भी बोझा उठाने वाला किसी दूसरे का बोझा नहीं उठाएगा। (कुरआन-17:15)
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