अपने घरों में चैन से बैठी रहो और जाहिलियत की सी सज धज दिखाती न फिरो, नमाज कायम करो, जकात दो, अल्लाह और उसके रसूल की इताअत करो।
अहजाब 33: 33
और अपने पांव जमीन पर इस तरह मारती हुई न चला करो कि उनकी छिपी हुई जीनत लोगों को मालूम हो जाए और अपने सीनों पर दुपट्टे डाले रहो और अपने बनाव सिंगार को जाहिर न होने दो।
नूर 24: 31
और अपने सतर की हिफाजत करो और मोमिन मर्दों को हिदायत की जाए कि अपनी निगाह नीची रखें।
नूर 24: 30
ऐ नबी! अपनी बीवियों, बेटियों और ईमान वाली औरतों से कह दो कि (बाहर निकलें तो) अपने ऊपर चादरों के पल्लू लटका लिया करें यह ज्यादा मुनासिब तरीका है ताकि वे पहचान ली जाएं और न सताई जाएं, अल्लाह गफूरुर रहीम (माफ करने वाला, दयावान) है।
अहजाब 33: 59
और अपनी शर्मगाहों की हिफाजत करें यह उनके लिए ज्यादा पाकबाजी की बात है जो कुछ ये करते हैं अल्लाह उससे पूरी तरह वाकिफ है।
नूर 24: 30
और मोमिन औरतों से कहिए कि अपनी निगाहें नीची रखें।
नूर 24: 31
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